विल्सन डिजीज (Wilson Disease) हमारे शरीर के बेहद महत्वपूर्ण हिस्सों को प्रभावित करती है. इसमें हमारे लिवर और मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है. कई मामलों में इसके लक्षण बढ़ने पर दिमाग काम करना भी बंद कर सकता है.
कई बीमारियां आनुवांशिक यानी जेनेटिक होती हैं. एक ऐसी बीमारी जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है. ऐसी ही एक बीमारी विल्सन डिजीज है. इसका नाम आपने शायद पहली बार ही सुना होगा. लेकिन बता दें, कि बीमारी चाहे कोई भी हो, उसके बारे में व्यक्ति को पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसी तरह इस रोग के बारे में अगर बात करें तो यह हमारे लिवर, मस्तिष्क यानी दिमाग और दूसरे जरूरी अंगों पर बुरा असर डालती है.
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एक खबर के अनुसार, विल्सन सिंड्रोम डिजीज एक आनुवांशिक बीमारी है. यह व्यक्ति को तब होती है, जब शरीर में तांबा जमा होने लगता है. इस डिजीज में दिमाग और लिवर जैसे अंगों में तांबा एक्कट्ठा हो जाता है. यह बीमारी युवा और वृद्ध लोगों को अधिक प्रभावित करती है.
क्या है विल्सन डिजीज
शरीर को तांबा यानी कॉपर की बहुत अधिक जरूरी होती है. कॉपर हमारी नसों के स्वास्थ्य, हड्डियों को मजबूत करने और स्किन पिग्मेंटेशन के लिए महत्वपूर्ण होता है. दरअसल, तांबा हमारे शरीर में जाने वाले भोजन को अवशोषित करने का काम करता है. इसी वजह से लोग तांबे के बर्तन में पानी पीते हैं. लेकिन अगर तांबा बॉडी में अधिक हो जाए, तो यह विल्सन रोग का कारण भी बनता है. हालांकि, शरीर में कॉपर की मात्रा बढ़ने का कारण ताबें के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना नहीं होता है. यह आनुवांशिक्ता के कारण होता है.
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जानिए विल्सन डिजीज के लक्षण
विल्सन बीमारी आनुवांशिक रोग है, इसलिए इससे पीड़ित लोगों में इसके लक्षण जन्म से भी हो सकते हैं. लेकिन कई बार बचपन में इसके लक्षण ठीक से समझ नहीं आते हैं. दरअसल, इसका अंदाजा तब लगता है, जब दिमाग और लिवर में तांबा जमा होने लगता है. इसके लक्षण कुछ ऐसे हो सकते हैं…
1. थोड़ी सी मेहनत करने पर थकान महसूस होना
2. भूख की कमी और पेट में दर्द होना
3. त्वचा में पीलापन आना और आंखों का सफेद होना
4. आंखों में जलन महसूस होना
5. पैरों या पेट में सूजन आना
6. बोलने या खाना निगलने में दिक्कत होना
7. मांसपेशियों में अकड़न होना
8. इसमें लिवर में घाव हो जाना
9. लिवर फेलियर
10. लगातार न्यूरोलॉजिकल दिक्कतें होना
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