November 6, 2024

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सता रही हैं मुंहासों की टेंशन, तो अपने आहार में शामिल करें येँ खाद्य पदार्थ !

सता रही हैं मुंहासों की टेंशन, तो अपने आहार में शामिल करें येँ खाद्य पदार्थ !

Tips to prevent acne in monsoon: इस साल भारत में मॉनसून ने पहले ही एंट्री ले लिया है, बदलते मौसम के दौरान पोषण सबसे महत्वपूर्ण है। मॉनसून का मौसम हमें चिलचिलाती गर्मी से तो राहत देता है लेकिन यह आपकी त्वचा पर बुरा असर भी डाल सकता है। चूंकि आपकी त्वचा लगातार नमी और गर्मी के संपर्क में रहती है, इसलिए यह निर्जलीकरण और क्षति के प्रति संवेदनशील हो सकती है। मानसून हमें त्वचा संबंधी विभिन्न समस्याओं के प्रति अतिसंवेदनशील बना देता है

क्यों बार-बार चेहरे पर हो जाते हैं मुंहासे
तेल (सीबम) का अत्यधिक उत्पादन, ऑयल के कारण स्किन पोर्स ब्लॉक होना, बैक्टीरिया के कारण स्किन सेल्स का संक्रमित होना। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, कुछ खाद्य पदार्थ खाने से मुंहासे बढ़ सकते हैं।

यहां हैं वे खाद्य पदार्थ जो इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं
बैलेंस्ड डाइट मुंहासे से जूझ रहे लोगों के पक्ष में काम कर सकता है। जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट और डीप हेल्थ कोच सिमरुन चोपड़ा ने आहार संबंधी कुछ सुझाव साझा किए, जो मुंहासों की समस्याओं से लड़ने में मदद कर सकते हैं।

ग्लूटेन
एक ऐसा आहार जिसमें ग्लूटेन मौजूद रहने वाले फूड को अवॉयड किया जाता है, उसे ग्लूटेन फ्री आहार के रूप में जाना जाता है। यदि आपकी स्किन ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील है, तो ग्लूटेन-मुक्त आहार आपको मुंहासों को रोकने में मदद कर सकता है।

जौ, राई, ट्रिटिकल और गेहूं में ग्लूटेन होता है। इसलिए आपको इन अनाज को खाने से बचना चाहिए। कुछ प्राकृतिक ग्लूटेन-मुक्त वस्तुओं में सब्जियां, फल, सेम, बीज, फलियां, नट, अंडे और बिना प्रोसेस किया हुआ मीट, सी फूड, चिकेन भी शामिल हैं। आप अपने डायटीशियन से भी अपने लिए ग्लूटेन-मुक्त आहार दिनचर्या बनाने के लिए कह सकती हैं।

डेयरी प्रोडक्ट
गायों को आर्टिफिशियल हार्मोन दिए जाते हैं। यह उनके द्वारा उत्पादित दूध की मात्रा को प्रभावित करते हैं। रिसर्च के अनुसार, ऐसे डेयरी प्रोडक्ट्स के सेवन से आपके हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप मुंहासे हो सकते हैं।

दूसरे हाइपोथेसिस के अनुसार, दूध में मौजूद ग्रोथ हार्मोन के कारण मुंहासे की समस्या और अधिक बढ़ सकती है।

ऑयली फूड
औसत इंडियन डाइट में ज्यादा मात्रा में फैटी एसिड मौजूद होते हैं। इनके सेवन से सूजन और मुंहासे की समस्या बढ़ जाती है। यह डाइट में तेल के हाई लेवल के कारण हो सकता है, जो ओमेगा -6 फैटी एसिड में हाई होता है। फैटी एसिड की यह अधिकता शरीर के इन्फ्लेमेशन का कारण बनती है, जिससे मुंहासे की समस्या बढ़ जाती है।

डॉ. चोपड़ा कहती हैं, “एक सप्ताह के लिए इन खाद्य पदार्थों के सेवन से बचें। इसके बाद आप फर्क जरूर महसूस करेंगी। आप लगातार इस बात की जांत करती रहें कि कौन सा भोजन आपकी समस्या को बढ़ा रहा है। उसे अपनी डाइट से हटाएं और हेल्दी फूड को जोड़ें।’

यदि आपको मुंहासे हैं, तो अपने आहार में जरूर शामिल करें कुछ ऐसे खाद्य पदार्थ
सीड मिक्स का एक चम्मच
चोपड़ा कहती हैं, ‘विटामिन और गुड फैट के स्रोत वाले एक टीस्पून बढ़िया बीज को अपने आहार में शामिल करें।’

ओमेगा-3
ओमेगा -3 फैटी एसिड एक ऐसा पोषक तत्व है, जो मुंहासे के उपचार में सहायता कर सकता है। मछली के तेल, सैल्मन, नट्स और सीड्स में यह पाया जाता है। ओमेगा -3 फैटी एसिड का बढ़िया स्रोत मछली का तेल है। फैटी एसिड सामान्य स्किन हेल्थ के साथ-साथ एक्जिमा और मुंहासे जैसी स्किन प्रॉब्लम को दूर करने में मदद कर सकता है।

एक दिन में 3 लीटर पानी का सेवन करें
पानी त्वचा से विषाक्त पदार्थों और बैक्टीरिया को हटाने में मदद करता है। इसलिए स्किन पोर्स के बंद होने का खतरा कम हो जाता है। यह स्किन को मॉइस्चराइज करने में भी मदद करता है। कोलेजन फॉर्मेशन और स्किन सेल्स को नया करने में भी बढ़ावा देता है।

पीले और नारंगी फल और सब्जियां
पीले और नारंगी रंग के फल और सब्जियां अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण मुंहासों को दूर करने में मदद कर सकती हैं। पीले और नारंगी फल और सब्जियां जैसे गाजर, खुबानी और शकरकंद खाने की सलाह दी जाती है।

मानसून में तरबूज और खरबूजा खाने से बचें क्योंकि इन फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है और ये शरीर में वॉटर रिटेंशन का कारण बनते हैं।

बरसात के मौसम में जड़ वाले पौधे और हरी पत्तेदार सब्जियों से बचना चाहिए क्योंकि इन सब्जियों को तोड़ते समय गीली मिट्टी और गंदगी चिपक जाती है और अगर इसे ठीक से नहीं धोया जाता है; वे एलर्जी और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।