हिन्दू धर्म के अनुसार अगर देवगुरु बृहस्पति किसी जातक की कुंडली में शुभ स्थिति में होते हैं तो बेहद फलदायी परिणाम प्रदान करते हैं. खासकर जब गुरु की महादशा शुरू होती है, तब इंसान को हर कदम पर सफलता हाथ लगने लगती है.
वैदिक ज्योतिष में वैसे तो हर ग्रह की चाल और राशि परिवर्तन का महत्व होता है, लेकिन कुछ खास ग्रह के परिवर्तन शुभ और अशुभ स्थिति पैदा करते हैं. यह स्थिति जातक की कुंडली में ग्रहों के मजबूत और कमजोर होने पर निर्भर करता है. देवगुरु बृहस्पति की बात करें तो उनको सभी ग्रहों के गुरु की संज्ञा दी गई है. जब गुरु किसी जातक की कुंडली में शुभ स्थिति में होते हैं तो उनकी तकदीर बदल जाती है. देवगुरु को धन, संपत्ति, एश्वर्य और सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह माना गया है. आइए जानते हैं किन लोगों के लिए गुरु की महादशा और अंतर्दशा कैसी रहती है.
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शुभ स्थिति
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में गुरु शुभ स्थिति में होते हैं. ऐसे लोग आकर्षक होते हैं. ये लोग शांत स्वभाव और काफी ज्ञानी होते हैं और उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं. कुंडली में गुरु के शुभ स्थिति में होने पर जातकों को करियर में काफी फायदा मिलता है. इन लोगों को जीवन में कभी धन की कमी नहीं होती है. वहीं, जब ऐसे लोगों के जीवन में गुरु की महादशा शुरू होती है तो खूब तरक्की, सम्मान, धन-दौलत, वैवाहिक सुख मिलता है.
अशुभ स्थिति
इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में गुरु अशुभ स्थित में होते हैं, ऐसे लोगों को जीवन में काफी मुश्किलें झेलनी पड़ती हैं. इन लोगों को करियर में काफी संघर्ष करना पड़ता है. वहीं, जब ऐसे लोगों के जीवन में गुरु की महादशा चलती है तो काफी अधिक समस्याएं होने लगती हैं. वैवाहिक जीवन में कई तरह की बाधाएं आने लगती हैं. संतान सुख नहीं मिलता. सेहत भी खराब रहने लगती है.
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उपाय
किसी जातक की कुंडली में अगर गुरु कमजोर या अशुभ स्थिति में है तो इसके लिए भी ज्योतिष शास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं. ऐसे लोग गुरुवार के दिन व्रत रख सकते हैं. इस दिन पीली मिठाई या बेसन- हल्दी से बनी किसी भी वस्तु का सेवन करना अच्छा माना जाता है. भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से भी गुरु मजबूत होते हैं. इसके साथ ही पानी में हल्दी डालकर नहाएं. गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करें, साथ केले के पेड़ पर हल्दी, गुड़ और चने की दाल चढ़ाएं. गुरुवार के दिन जरूरतमंद लोगों को चने की दाल, केले और पीली मिठाई दान करने से भी गुरु मजबूत होते हैं.
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