October 11, 2024

Visitor Place of India

Tourist Places Of India, Religious Places, Astrology, Historical Places, Indian Festivals And Culture News In Hindi

Achala Saptami Vrat: स्त्रियों को करना चाहिए अचला सप्तमी का व्रत, घर मे बनी रहेगी सुख-समृद्धि, मिलेगा मनोवांछित फल !

हिन्दू धर्म हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सैर सप्तमी या अचला सप्तमी कहते हैं. सौर सप्तमी नाम इसलिए पड़ा क्योंकि महिलाएं सूर्य नारायण को प्रसन्न करने के लिए इस व्रत को करती हैं. इस बार सौर सप्तमी 28 जनवरी 2023 दिन शनिवार को मनाई जाएगी.

Achala Saptami Vrat: स्त्रियों को करना चाहिए अचला सप्तमी का व्रत, घर मे बनी रहेगी सुख-समृद्धि, मिलेगा मनोवांछित फल !

जो महिलाएं इससे पहले शीतला षष्ठी का भी व्रत रखती हैं, उन्हें षष्ठी में सिर्फ एक बार ही भोजन करना चाहिए. सप्तमी के दिन विधि पूर्व सूर्यदेव का पूजन करना चाहिए. उस दिन प्रातः काल जागने के बाद नदी, तालाब पर जाकर सिर पर दीप धारण कर सूर्य की स्तुति करते हुए सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए. अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र या फिर गायत्री मंत्र जपना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य की अष्टदली प्रतिमा बना कर मध्य में शिव तथा पार्वती की स्थापना कर पूजन करना चाहिए, पूजन के बाद ब्राह्मण को दान देने का प्रावधान है. इसके बाद सूर्य एवं शिव पार्वती का विसर्जन कर घर आने के बाद ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए.

यह भी पढ़ें: आखिर क्यों महाराजा दशरथ ने ताना था शनि देव पर धनुष, जानें उसके बाद उन्होने क्या किया !

अचला सप्तमी व्रत की कथा

एक बार महाराज युधिष्ठिर ने भगवान श्री कृष्ण से पूछा, “भगवन कृपा पूर्वक यह बताएं कि कलयुग में कोई स्त्री किस व्रत को करने से सौभाग्यवती हो सकती है.” इस पर श्री कृष्ण ने उत्तर देते हुए एक कथा सुनाई. प्राचीन काल में इंदुमती नाम की एक वेश्या एक बार ऋषि वशिष्ठ के पास गई और उनको नमन करते हुए कहा, “हे मुनिराज, मैंने आज तक कोई धार्मिक कार्य नहीं किया है. मुझे बताएं कि मेरा मोक्ष किस प्रकार हो सकेगा.” वेश्या की प्रार्थना सुनकर वशिष्ठ मुनि ने कहा, “स्त्रियों को मुक्ति, सौभाग्य और सौंदर्य देने वाला अचला सप्तमी से बढ़कर कोई व्रत नहीं है. इसलिए तुम इस व्रत को करो तुम्हारा कल्याण होगा.” इंदुमती ने उनके उपदेश के आधार पर विधिपूर्वक व्रत को किया और उसके प्रभाव से शरीर छोड़ने के बाद स्वर्ग लोक में गई. वहां उसे सभी अप्सराओं की नायिका बनाया गई.