हिंदू धर्म में शादी के समय दूल्हा और दुल्हन का गठबंधन किया जाता है ये तो सभी को पता होगा लेकिन उसके पीछे कारण क्या है ये सायद कुछ ही लोगो को पता होगा, तो आज इस लेख मे हम जानेंगे की क्यों हिंदू धर्म में शादी के समय दूल्हा और दुल्हन का गठबंधन किया जाता है, आइये जानें ..
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इसलिए किया जाता है गठबंधन
हिंदू धर्म में निभाई जाने वाली रस्मों का खास महत्व होता है. शास्त्रों के जानकार बताते हैं कि अगर शादी की इन रस्मों को ठीक से न निभाया जाए तो आगे चलकर वर-वधु के पारिवारिक जीवन में कई बाधाएं आती हैं. दूल्हा-दुल्हन के बीच लगाए जाने वाले गांठ को पवित्र बंधन के तौर पर देखा जाता है. दूल्हे के पटके और दुल्हन की चुनरी के बीच लगे. इस गांठ को वैवाहिक प्रतीक के रूप में देखा जाता है. जानकार बताते हैं कि इस गांठ को वर-वधु के शरीर और मन को बांधने का प्रतीक माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि ये गांठ जितनी मजबूत होती है, पति-पत्नी का रिश्ता भी उतना ही ज्यादा मजबूत और प्यार भरा होता है. इस गांठ को बांधने का काम दूल्हे की बहन करती हैं. यह गांठ दूल्हा और दुल्हन के बीच का रिश्ता ही नहीं बताती बल्कि यह दो परिवारों के जोड़ने का संकेत भी देती है.
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एक प्रतिज्ञा है ये गठबंधन
यह गांठ ईश्वर के समक्ष एक तरह की प्रतिज्ञा होती है कि दोनों एक दूसरे के प्रति निष्ठावान रहेंगे. यह गांठ उनके भावनात्मक, शारीरिक और मानसिक एकता का प्रतीक होता है. इस गांठ में सिक्का, चावल, दूर्वा और फूल जैसी चीजें बांधी जाती हैं. इसका अर्थ होता है कि पति और पत्नी का धन-धान्य सब पर समान अधिकार होगा. दोनों अपने जीवन के सुख को साथ भोगेंगे.
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