अमेरिकी रिपब्लिकंस द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि समूची दुनिया में कोरोना महामारी फैलाने वाला वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ था। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिक कोरोना वायरस को बदलने का प्रयास कर रहे थे ताकि इससे इंसानों को संक्रमित किया जा सके। इस हेराफेरी को गोपनीय ढंग से किया जा रहा था।
यह रिपोर्ट समाचार एजेंसी रॉयटर ने अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी के सूत्रों के हवाले से दी है। हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां इस नतीजे पर नहीं पहुंची हैं।
A preponderance of evidence proves the virus that caused the COVID-19 pandemic leaked from a Chinese research facility, Reuters quoting a report by US Republicans
— ANI (@ANI) August 2, 2021
यह भी दावा किया गया है कि अमेरिकी विशेषज्ञ और चीन व अमेरिकी के सरकारी फंड की मदद से यह काम किया जा रहा था। अमेरिकी पार्टी के सांसद व सदन की विदेश मामलों की कमेटी के प्रमुख माइक मैकॉल ने यह रिपोर्ट जारी की। इसमें आग्रह किया गया कि कोविड-19 महामारी का मूल पता करने के लिए बहुदलीय जांच होना चाहिए, जिसके कारण पूरी दुनिया के 44 लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
चीन लगातार कर रहा वुहान लैब से लीक होने का खंडन
वुहान लैब से कोरोना वायरस लीक होने को लेकर पहले भी कई बार दावे किए जाते रहे हैं, हालांकि चीन इस लैब से जेनेटिक रूप से संशोधित कोरोना वायरस लीक होने के दावे का खंडन करता रहा है। हैरानी की बात यह है कि चीन भले इनकार करे मगर 2019 में कोविड-19 का पहला संक्रमित वुहान में ही मिला था। कुछ विशेषज्ञ इसी थ्योरी पर यकीन करते हैं, लेकिन यह साबित नहीं हुई है। चीन इस मामले पर पर्दा डालने के आरोप से भी इनकार करता है। कुछ अन्य विशेषज्ञ मानते हैं कि महामारी किसी जानवरी से इंसान में फैली। संभवत: यह वुहान लैब के पास स्थित सी फूड मार्केट से किसी इंसान में आई।
12 सितंबर 2019 के पहले वायरस लीक हुआ
चीन के दावों के विपरीत अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि वायरस वुहान लैब से ही 12 सितंबर 2019 के पहले लीक हुआ। इससे पहले अप्रैल में अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने कहा था कि वह इस बात से सहमत है कि वायरस मानव निर्मित या आनुवंशिक रूप से परिवर्तित नहीं किया गया। राष्ट्रपति जो बिडेन ने मई में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को वायरस की उत्पत्ति के लिए अपनी खोज में तेजी लाने और 90 दिनों में रिपोर्ट देने का आदेश दिया था।
बता दें, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी कोरोना वायरस को लेकर चीन पर निशाना साधते रहे हैं। अब उनकी रिपब्लिकन पार्टी ने भी चीन को जिम्मेदार बताया है। ऐसे में यह रिपोर्ट नए विवाद का कारण बन सकती है।
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