एक रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि इसी महीने यानी अगस्त में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो जाएगी। हैदराबाद और कानपुर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में मथुकुमल्ली विद्यासागर और मनिंद्र अग्रवाल के नेतृत्व में किए गए शोध में यह दावा किया गया है कि अक्टूबर में तीसरी लहर का पीक देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दौरान रोजाना 1,00,000 कोरोना मरीज मिल सकते है और अगर स्थिति खराब होती है तो यह संख्या बढ़कर 1.5 लाख तक पहुँच सकती है।
विद्यासागर ने एक ईमेल के जरिए ब्लूमबर्ग को बताया है कि केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के चलते स्थिति फिर गंभीर हो सकती है। हालांकि यह संभावना जताई जा रही है कि कोविड -19 की तीसरी लहर, इसी साल आई दूसरी लहर की तरह घातक नहीं होगी।
इसी साल मई में IIT हैदराबाद के एक प्रोफेसर विद्यासागर ने कहा था कि भारत के कोरोना वायरस का प्रकोप मैथेमेटिकल मॉडल के आधार पर कुछ दिनों में पीक पर हो सकता है।
विद्यासागर ने ब्लूमबर्ग को बताया था कि हमारा मानना है कि कुछ दिनों के भीतर पीक आ जाएगा। मौजूदा अनुमानों के अनुसार जून के अंत तक प्रतिदिन 20,000 मामले दर्ज किए जा सकते हैं। हालांकि विद्यासागर की टीम द्वारा बताया गया अनुमान गलत साबित हुआ। उनका अनुमान था कि जून महीने के मध्य तक कोविड वेव पीक पर होगी। उन्होंने तब ट्विटर पर लिखा था कि ऐसा गलत पैरामीटर्स के चलते हुआ क्योंकि एक हफ्ते पहले तक कोविड तेजी से बदल रहा था। उन्होंने रॉयटर्स को बताया था कि पीक 3-5 मई के बीच आएगी और इंडिया टुडे से कहा था कि दूसरी लहर की पीक 7 मई को आएगी।
पिछले 24 घंटे में मिले 40,627 मरीज
उधर, covid19india.org वेबसाइट के अनुसार देश में पिछले 24 घंटे में 40,627 नए मामले पाए गए हैं और 424 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 36,627 लोग ठीक हुए। वेबसाइट के अनुसार देश में अब तक कोरोना के कुल 31,695,368 मरीज मिल चुके है। वहीं, 3,08,49,681 मरीज ठीक हो चुके है और 4,08,343 मरीजों की मौत हो चुकी है। रिकवरी दर वर्तमान में 97.36% है। केंद्र ने बढ़ते संक्रमण के बीच केरल, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर क्षेत्रों सहित 10 राज्यों को आगाह किया और उन्हें कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है।
हाल ही में विशेषज्ञों ने कहा था कि कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट, वायरस के अन्य सभी वैरिएंट्स की तुलना में अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और चिकनपॉक्स की तरह आसानी से फैल सकता है। कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन को चकमा देने में भी कारगर है। हाल ही में अमेरिका के CDC (सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) ने एक रिपोर्ट शेयर की है जिसमें कहा गया है कि डेल्टा वैरिएंट वैक्सीन लगवा चुके लोगों में भी उतनी ही तेजी से फैलता है, जितनी टीका न लगवाने वालों में। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट चिकनपॉक्स की तरह आसानी से फैलता है। इसलिए इससे आने वाले समय में गंभीर नतीजे देखने को मिल सकते है।
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