December 8, 2024

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Parenting tips: क्या आपका बच्चा भी दूसरों से झगड़ता रहता है, उन्हें इस तरह समझाएं !

Parenting tips: क्या आपका बच्चा भी दूसरों से झगड़ता रहता है, उन्हें इस तरह समझाएं !

जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता चला जाता हैं उसके व्यवहार में बदलाव आने लगते हैं। कई बार बच्चे अपने आसपास के वातावरण और गलत संगति में पड़कर गुस्सैल स्वभाव के हो जाते हैं और हर किसी से लड़ने लगते हैं। जब बच्चों के मनमुताबिक काम ना हो तो वे चिल्लाने और झल्लाने लगते हैं। ऐसे में पेरेंट्स की जिम्मेदारी हो जाती हैं कि बच्चों की समझाइश करते हुए उनके व्यवहार को सुधारा जाए क्योंकि ये सीधे आपकी परवरिश पर सवाल खड़े करते हैं। इसी के साथ ये बच्चों के भविष्य के लिए भी नकारात्मक साबित होता हैं। तो आइए जानते हैं कुछ आसान टिप्स के बारे में जिनसे आपका बच्चा आपकी सुनने लगे और आपकी बातें मानने लगे।

समझदार बनाने की कोशिश करें
आप बच्चों को समझाने का प्रयास करें। बच्चे कई बार खिलौनों को लेकर भी अपने कजन्स भाई-बहनों के साथ लड़ना शुरु कर देते हैं। ऐसे में आप उन्हें समझाएं। उन्हें बताएं कि झगड़ा करने की बजाय वह साथ में मिलकर खेलें। बच्चों को घुल-मिलकर एक दूसरे के साथ समय व्यतीत करना सिखाएं।

कुछ सीमाएं बनाए
बच्चों को ये समझाएं कि उन्हें दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करना है और कैसा नहीं करना है। उसके लिए कुछ नियम बनाकर रखें, साथ ही ये भी बता दें कि अगर वो इन नियमों को तोड़ता है तो उसे क्या सजा मिलेगी। बच्चे के मारने या काटने पर उसे तुरंत टोकें ताकि उसे सही और गलत की समझ हो।

समस्या सुलझाने के बारे में बताएं
बच्चे अगर झगड़कर आपके पास अपनी परेशानियां लेकर आते हैं तो आप उन्हें खुद ही परेशानी का हल ढूंढना सिखाएं। जैसे आप उन्हें बारी-बारी के दोस्त के साथ खेलने के लिए प्रेरित करें। यदि फिर भी बच्चे झगड़ा नहीं सुलझा पाते तो आप उन्हें विश्वास दिलवाएं कि आप उनका साथ देंगे। बच्चे को उसके दोस्तों के साथ घुलना-मिलना सिखाएं। इससे वह उन्हें समझेंगे और लड़ाई भी कम करेंगे।

स्पेसेफिक रहें
आपको जो बात कहनी है, उसी पॉइंट पर रहकर बात करें। बहुत ज्यादा लंबे वाक्य और बड़े-बड़े शब्दों का इस्तेमाल ना करें। घुमा-फिराकर बात ना करें और सरल और सीधे शब्दों में उनसे अपनी बात कहें। कई बार बच्चों को इसलिए भी आपकी बातें याद नहीं रहती हैं क्योंकि आपने बहुत लंबा निर्देश दिया था और उनके दिमाग से आपकी बात निकल गई।

गलती मानना सिखाएं
आप बच्चों को सॉरी कहने की आदत भी जरुर डालें। कई बार सॉरी कह देने से कई समस्याओं का हल बहुत ही आसानी से निकल जाता है। यदि आपके बच्चे से गलती हुई है तो उसे शांत रहकर गलती को सुधारने के लि कहें। गलती के बाद उन्हें माफी मांगने के लिए भी जरुर कहें।

आत्मनियंत्रण सिखाएं
बच्चों में खुद को कंट्रोल करने की क्षमता नहीं होती है। ये गुर आपको उसे सिखाना है। उन्हें बताएं कि वो जब चाहें किसी को काट या मार नहीं सकते हैं। उसे अपनी भावनाओं को कंट्रोल करना और कुछ करने से पहले सोचने की आदत जरूर डालें।

शांत रहना बताएं
बच्चों को यदि ज्यादा गुस्सा आता है तो आप उन्हें शांत रहने के तरीके बताएं। जैसे-जिस समय उन्हें गुस्सा आ रहा हो तो वो लंबी-लंबी सांसे लें, इसके अलावा उस जगह से कई दूर चले जाएं। अपना ध्यान किसी ओर तरफ लगाने का प्रयास करें।

खुद बनें रॉल मॉडल
हर किसी बच्चे के रॉल मॉडल उसके माता-पिता ही होते हैं। बच्चे अपने पैरेंट्स को देखकर ही कई बातें सिखते हैं। इसलिए यदि आप अपने पार्टनर के साथ लड़ रहे हैं तो अपनी भाषा का भी खास ध्यान रखें। आप यही प्रयास करें कि बच्चे के सामने ज्यादा बहस न करें और एक-दूसरे पर चिल्लाएं भी नहीं। इससे बच्चों पर भी गलत असर पड़ सकता है।