December 12, 2024

Visitor Place of India

Tourist Places Of India, Religious Places, Astrology, Historical Places, Indian Festivals And Culture News In Hindi

उदय उमेश ललित बने देश के नए CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ !

उदय उमेश ललित बने देश के नए CJI, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ !

India’s New Chief Justice: जस्टिस उदय उमेश ललित आज भारत के 49 वें मुख्य न्यायाधीश बन गए. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सुबह 10:30 बजे जस्टिस उदय उमेश ललित को पद की शपथ दिलाई. राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, कानून मंत्री किरण रिजिजू, पूर्व चीफ जस्टिस एन वी रमना, सुप्रीम कोर्ट के कई जज और जस्टिस ललित के परिवार वाले मौजूद रहे. बेहद सौम्य स्वभाव के जस्टिस ललित का कार्यकाल सिर्फ 74 दिनों का होगा. वो आठ नवंबर को रिटायर होंगे.

सीधे वकील से जज बने

9 नवंबर 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में जन्म लेने वाले जस्टिस ललित 13 अगस्त 2014 को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त हुए थे. दिलचस्प बात यह भी है कि जस्टिस ललित देश के दूसरे ऐसे चीफ जस्टिस होंगे जो इससे पहले हाईकोर्ट के जज नहीं थे, बल्कि सीधे वकील से जज बने. इससे पहले देश के 13 वें चीफ जस्टिस एस एम सिकरी ने ये उपलब्धि हासिल की थी. जज बनने से पहले जस्टिस ललित का नाम देश के बड़े वकीलों में शुमार रहा. उन्हें 2 जी स्पेक्ट्रम मामले में स्पेशल पब्लिक प्रासीक्यूटर नियुक्त किया गया था.

ये रहेंगी जस्टिस ललित की प्राथमिकताएं

  • जस्टिस ललित ये साफ कर चुके है कि बतौर चीफ जस्टिस उनकी क्या प्राथमिकताएं रहेगी. शुक्रवार शाम जस्टिस एन वी रमना के विदाई समारोह में उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि पूरे साल एक संविधान पीठ संवैधानिक मसलों पर सुनवाई करें. जस्टिस ललित ने कहा कि 74 दिन के कार्यकाल में उनकी प्राथमिकताएं रहेगी.
  • कोर्ट में दाखिल केस की लिस्टिंग (सुनवाई के लिए लगने की प्रकिया) को ज्यादा से ज्यादा पारदर्शी किया जाए.
  • ऐसी व्यवस्था होंगी जिसमे वकील केस की जल्द सुनवाई को लेकर संबंधित बेंच के सामने मांग रख सकेंगे.
  • संवैधानिक मामलों की सुनवाई के लिए पूरे साल संविधान पीठ बैठेगी. जस्टिस ललित ने कहा कि वो समझते है कि सुप्रीम कोर्ट का रोल कानून की व्याख्या करना है, इसके लिए जरूरी है कि बड़ी बेंच का गठन हो ताकि संवैधानिक/ कानूनी मुद्दो पर लोगों के बीच स्पष्टता हो सके.

बाबरी मस्जिद विध्वंस से जुड़ा है नाता

यूयू ललित को CJI बनते ही बाबरी मस्जिद ध्वस्तीकरण चर्चा में आने लगा है. 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के वक्त उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को भी आरोपी बनाया गया. उस वक्त यूयू ललित वकील के तौर पर पैरवी करते थे. साल 1997 में जस्टिस ललित कल्याण सिंह के वकील के तौर पर अदालत में पेश हुए थे. इसके बाद 2019 में जब राम मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसला आया, तो सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक पीठ में भी यूयू ललित शामिल थे. हालांकि मुस्लिम पक्ष के वकील एडवोकेट राजीव धवन की आपत्ति के बाद उन्होंने खुद को इस पीठ से अलग कर लिया.

कई अहम मामलों में रहे वकील

जस्टिस ललित कई अन्य मामलों में भी वकील रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने फेमस 2जी घोटाले में उन्हें CBI का स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बनाया था. इसके अलावा अभिनेता सलमान खान के काले हिरण का शिकार मामले में भी वह वकील के तौर पर शामिल हुए. सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस में अमित शाह के वकील रहे, जो गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री थे. जस्टिस ललित जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि विवाद मामले में भी वे वकील थे. पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से जुड़े भ्रष्टाचार के केस में भी वे शामिल थे.